Immerse yourself in the blissful journey of Osho Nadabrahma Meditation. This powerful technique by Osho uses humming and hand movements to harmonize body, mind, and soul. Experience deep healing, inner silence, and profound relaxation through the unique method of Osho Nadabrahma Meditation. Transform your life with the soothing power of sound and silence, and unlock the true essence of meditation. Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
क्या आप दिनभर की भागदौड़, उलझनों और बेचैनी से थक चुके हैं?
क्या आपको भीतर कहीं शांति की एक धीमी सी दस्तक सुनाई देती है…
पर आप उसे पहचान नहीं पाते?
तो रुकिए… और इस ध्यान को सिर्फ सुनिए नहीं — महसूस कीजिए।
क्योंकि ओशो नादब्रह्म मेडिटेशन कोई साधारण ध्यान नहीं है —
यह एक ध्वनि से मौन की ओर जाने वाली रहस्यमयी यात्रा है।
ओशो नादब्रह्म मेडिटेशन — ध्वनि के माध्यम से मौन की यात्रा
क्या आपने कभी ऐसी कोई ध्वनि सुनी है... जो आपको भीतर तक शांत कर दे?
ओशो नादब्रह्म मेडिटेशन एक ऐसी ही ध्यान विधि है — जहाँ कोई शब्द नहीं, सिर्फ गुंजार होता है। और इस गुंजार के साथ, आप धीरे-धीरे अपने शरीर, मन और आत्मा को एक सुर में पाते हैं। Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
यह ध्यान, न सिर्फ आपके भीतर के संघर्षों को पिघलाता है… बल्कि आपको एक ऐसी जगह ले जाता है जहाँ मौन बोलने लगता है, और शांति नाचने लगती है।
ओशो कहते हैं — "शरीर और मन को पूरी तरह एक होने दो… लेकिन स्वयं साक्षी बने रहो। फिर तुम उनके पार चले जाओगे… जैसे चुपचाप पीछे के दरवाज़े से निकल गए हो।"
🔸 पहला चरण — गुंजार (30 मिनट)
आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं… आंखें बंद, होठ बंद, लेकिन भीतर एक कंपन शुरू करें।
हमिंग शुरू करें — जैसे पूरा शरीर एक गुंजार बन जाए।
कोई प्रयास नहीं, कोई बाध्यता नहीं…
बस अपने आप को एक खोखले पात्र की तरह अनुभव करें —
जो केवल गुंजार की कंपन से भर रहा है। Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
धीरे-धीरे… ये गुंजार इतना गहरा हो जाता है कि आप उसमें खो नहीं जाते —
बल्कि उसे बाहर से देखते हैं… जैसे कोई और कर रहा हो।
🔸 दूसरा चरण — ऊर्जा की गति (15 मिनट)
इस चरण के दो भाग हैं —
पहले 7.5 मिनट, हथेलियाँ ऊपर की ओर — और हाथों को बाहर की ओर गोल-गोल घुमाएं।
धीरे, बेहद धीरे… जैसे कोई पुरानी नदी बह रही हो।
इस भावना के साथ कि आप अपनी ऊर्जा इस ब्रह्मांड को समर्पित कर रहे हैं।
फिर संगीत बदलेगा… और आप हथेलियाँ नीचे की ओर कर लेंगे।
अब हाथ उल्टी दिशा में घूमेंगे —
और आप अनुभव करेंगे… कि जैसे अस्तित्व की ऊर्जा भीतर उतर रही है।
आप सिर्फ माध्यम बन जाते हैं — बाहर देने और भीतर लेने का।
🔸 तीसरा चरण — मौन की विश्रांति (15 मिनट)
अब सब कुछ रोक दें… कोई गति नहीं, कोई गुंजार नहीं।
बस शांत बैठे रहें — Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
जैसे कोई गहराई में उतरता जा रहा हो…
यह समय है भीतर डूबने का — उस मौन से मिलने का जो हमेशा वहीं था, लेकिन आपने सुना नहीं था।
🎙️ ओशो की वाणी में एक गूंज…
"इस ध्यान में, किसी से मत लड़ो — न मन से, न शरीर से।
बस धीरे से — साक्षी होकर — खुद से बाहर हो जाओ।
और देखो… वही देखना ही तुम्हारा ध्यान बन जाएगा।"
अगर यह ध्यान आपके भीतर कुछ छू गया हो… तो इसे ज़रूर करें।
रोज़ करें… और देखें कैसे आपका पूरा जीवन एक नादब्रह्म बन जाता है —
एक संगीत, जो भीतर भी है और बाहर भी। Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
तो यह था ओशो नादब्रह्म मेडिटेशन —
जहाँ सिर्फ हमिंग नहीं होती…
बल्कि हर ध्वनि आपको भीतर की उस शांति तक ले जाती है —
जो शब्दों से परे है, सोच से परे है… बस अनुभव में है।
यह ध्यान आपको न केवल शांत करता है,
बल्कि आपको खुद से एक गहरे जुड़ाव की ओर ले जाता है।
तो अगली बार जब भीतर शोर हो, उलझन हो —
बस आँखें बंद करें… और इस गुंजार के साथ बह चलें। Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh