Discover the Profound Insights of Ram Gita: Timeless Wisdom for Today’s Gyan unveils the Eternal Teachings of Lord Rama, imparted to Lakshmana, emphasizing the path of Dharma, Detachment, and Self-Realization. This sacred text, embedded with Spiritual Truths and Practical Guidance, inspires seekers to overcome life’s challenges and align with Divine Consciousness. The Wisdom of Ram Gita continues to illuminate minds, offering Inner Peace, Clarity, and Enlightenment in the modern era. ✨
(अध्यात्म रामायण - उत्तर कांड से उद्धृत)
(भगवान श्रीराम का उपदेश शुरू होता है)
भगवान श्रीराम ने कहा:
"हे लक्ष्मण! यह समस्त संसार भगवान की लीला मात्र है। आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है। जो स्वयं को शरीर मानता है, वह अज्ञान के कारण संसार के बंधनों में बंध जाता है।"
"जो आत्मा को जान लेता है, वही मुक्त है। आत्मा का स्वरूप शुद्ध, बुद्ध और सच्चिदानंद है।"
लक्ष्मण ने पूछा: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"हे प्रभु! इस संसार से मुक्त होने के लिए क्या उपाय है?"
श्रीराम बोले:
"हे लक्ष्मण! ज्ञान ही एकमात्र उपाय है। ज्ञान से ही अज्ञान का नाश होता है और आत्मा के वास्तविक स्वरूप का अनुभव होता है।"
श्रीराम ने कहा:
*"यह संसार माया से उत्पन्न हुआ है। यह माया तीन गुणों – सत, रज, और तम से बनी हुई है। माया ही मनुष्य को आत्मा से भिन्न कर देती है।" Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"जिस प्रकार स्वप्न में देखे गए दृश्य जागने पर असत्य प्रतीत होते हैं, उसी प्रकार यह संसार भी ज्ञान होने पर मिथ्या प्रतीत होता है।"
"जब तक मनुष्य माया में लिप्त रहता है, तब तक वह जन्म-मरण के चक्र में फंसा रहता है। माया का नाश केवल ज्ञान और भक्ति से संभव है।" Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
लक्ष्मण ने पूछा:
"हे नाथ! यदि माया इतनी शक्तिशाली है, तो मनुष्य इससे मुक्त कैसे हो सकता है?"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"हे लक्ष्मण! भक्ति ही मुक्ति का सर्वोत्तम मार्ग है। जब मनुष्य सम्पूर्ण अहंकार त्यागकर, निस्वार्थ भाव से भगवान की शरण में जाता है, तब उसे मोक्ष प्राप्त होता है।"
*"जिस प्रकार सूर्य उदय होने पर अंधकार मिट जाता है, उसी प्रकार भगवान के नाम-स्मरण से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।"
*"भक्त वह है जो किसी भी परिस्थिति में भगवान से प्रेम करता है – न कि किसी स्वार्थ या इच्छा के कारण।"
श्रीराम ने कहा:
"हे लक्ष्मण! गुरु ही वह दीपक हैं जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।"
"जो व्यक्ति गुरु के चरणों में श्रद्धा रखता है, उसे आत्मज्ञान शीघ्र प्राप्त होता है।"
*"गुरु के बिना आत्मज्ञान असंभव है, इसलिए सद्गुरु की खोज करना और उनकी आज्ञा का पालन करना ही सच्ची भक्ति है।"
लक्ष्मण ने पूछा: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"हे प्रभु! आत्मा और परमात्मा में क्या भेद है?"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"हे लक्ष्मण! आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं है। आत्मा ही परमात्मा का अंश है। जिस प्रकार समुद्र की प्रत्येक बूंद समुद्र का ही हिस्सा होती है, उसी प्रकार आत्मा भी परमात्मा का स्वरूप है।"
*"जब मनुष्य इस सत्य को समझ लेता है, तब उसके सभी बंधन समाप्त हो जाते हैं और वह ब्रह्म में लीन हो जाता है। यही आत्मसाक्षात्कार है।"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
*"ब्रह्म अजन्मा, अविनाशी, निराकार, और सर्वव्यापी है। वह नष्ट नहीं होता और न ही उसमें कोई परिवर्तन आता है।"
*"संसार का प्रत्येक जीव ब्रह्म का ही अंश है, लेकिन अज्ञान के कारण वह स्वयं को शरीर समझ लेता है।"
*"जिसने ब्रह्म को जान लिया, उसने सब कुछ जान लिया। ब्रह्म का अनुभव करने वाला व्यक्ति मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है।"
लक्ष्मण ने पूछा:
"हे प्रभु! क्या केवल ज्ञान ही मोक्ष का कारण है?"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
"हे लक्ष्मण! केवल ज्ञान से मोक्ष नहीं मिलता, बल्कि निष्काम कर्म भी आवश्यक है। जब मनुष्य फल की इच्छा छोड़कर सभी कर्म करता है, तब वह बंधनों से मुक्त हो जाता है।"
"इच्छाएँ ही बंधन का कारण हैं। जब मनुष्य समस्त इच्छाओं का त्याग कर देता है, तभी वह सच्चे ज्ञान को प्राप्त करता है।"
लक्ष्मण ने पूछा:
"हे प्रभु! मोक्ष कैसे प्राप्त होता है?"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
*"मोक्ष कोई स्थान नहीं, बल्कि एक अवस्था है। जब मनुष्य को अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान हो जाता है और वह अहंकार से मुक्त हो जाता है, तभी वह मोक्ष प्राप्त करता है।"
*"जिस प्रकार आकाश में उड़ते बादल आकाश को ढक नहीं सकते, उसी प्रकार माया आत्मा को प्रभावित नहीं कर सकती।"
*"जब मनुष्य ब्रह्म को जान लेता है, तब उसके सभी बंधन समाप्त हो जाते हैं और वह परम शांति को प्राप्त करता है।"
लक्ष्मण ने पूछा:
"हे प्रभु! जो ब्रह्म को जान लेता है, उसकी अवस्था कैसी होती है?"
श्रीराम बोले: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
*"जो ब्रह्म को जान लेता है, वह सदा के लिए मुक्त हो जाता है।"
*"वह न किसी से द्वेष करता है, न किसी से प्रेम। वह न दुखी होता है, न सुखी। वह समस्त परिस्थितियों में समान रहता है।"
*"जिस प्रकार समुद्र में सब नदियाँ समा जाती हैं, उसी प्रकार ज्ञानी व्यक्ति सभी सुख-दुख, सम्मान-अपमान, हानि-लाभ को समान रूप से स्वीकार कर लेता है।"
श्रीराम ने कहा: Astro Motive: Philosophy, Spirituality & Astrology by Acharya Dr. C. K. Singh
*"हे लक्ष्मण! मैंने तुम्हें जो उपदेश दिया है, वह समस्त वेदों और उपनिषदों का सार है।"
*"जो इस ज्ञान को समझ लेता है और इसे अपने जीवन में उतार लेता है, वह सदा के लिए मुक्त हो जाता है।"
*"जो व्यक्ति प्रतिदिन इस श्रीराम गीता का पाठ करता है, वह पापों से मुक्त होकर भगवान के परमधाम को प्राप्त करता है।"
"अब तुम भी इस ज्ञान को धारण करो और आत्मा के आनंद में स्थित हो जाओ।"
॥ श्रीराम गीता समाप्त ॥